लिखता हूँ दिल की आवाज पर दिमाग इजाजत नहीं देता। लिखता हूँ दिल की आवाज पर दिमाग इजाजत नहीं देता।
चलो, फिर से अजनबी हो जाएँ...। चलो, फिर से अजनबी हो जाएँ...।
है तेरी मेहरबानी, तेरे आने से... है तेरी मेहरबानी, तेरे आने से...
है जिंदगी बन जाता है। ना जाने कब एक अजनबी यार हो जाता है। है जिंदगी बन जाता है। ना जाने कब एक अजनबी यार हो जाता है।
अब यक़ीनन; तुम अजनबी नहीं रहे...! अब यक़ीनन; तुम अजनबी नहीं रहे...!
लफ़्ज़ नही जनाब मुझे लहजा चुभ जाता है! लफ़्ज़ नही जनाब मुझे लहजा चुभ जाता है!